आज के इस पोस्ट में हम जानेगें की BPO full form, BPO full form and meaning, BPO ka full form, full form of BPO, BPO long form, BPO full form in hindi, BPO क्या है, BPO के प्रकार, BPO Job के फायदे, इत्यादि
आपने BPO के बारे में कई बार जरूर सुना होगा या आपने इसके बारे में कहीं ना कहीं पढ़ा भी होगा। BPO के बारे में कई लोगो को अच्छे से पता होगा लेकिन बहुत सारे लोगों को इसके बारे में नहीं जानते होंगे।
इसलिए आप इस आर्टिकल शुरू से लेकर अंत तक पूरा पढ़िए ताकि आप BPO के बारे में सारी बातें जान सकें और अगर आपसे कोई BPO के बारे में सवाल पूछ लें तो आप उसे सब कुछ आसानी से बता सकें।
तो चलिए जानते हैं की BPO का full form क्या होता है और इससे जुड़ी सारी जानकारियाँ।
BPO Ka Full Form :-
बीपीओ का फुल फार्म “Business Process Outsourcing“ है। बीपीओ को हिंदी में “व्यापार प्रक्रिया आउटसोर्सिंग” कहा जाता है।
BPO Full Form In English :-
बीपीओ का फुल फॉर्म इंग्लिश में “Business Process Outsourcing” होता है।
B – Business
P – Process
O – Outsourcing
◆ What is the full form of BPO – Full Form of BPO is “Business Process Outsourcing”
BPO Full Form In hindi :-
बीपीओ का फुल फॉर्म हिंदी में “व्यापार प्रक्रिया आउटसोर्सिंग” होता है।
B – Business (व्यापार)
P – Process (प्रक्रिया)
O – Outsourcing (आउटसोर्सिंग)
BPO क्या है (BPO Kya hai):-
Business Process Outsourcing(BPO) एक व्यापार व्यवहार की प्रक्रिया होती है जहाँ एक organization वाले किसी दूसरे कंपनी को अपने task को पूरा करने के लिए काम देती है।
BPO एक व्यावसायिक अभ्यास है जिसमें एक संगठन एक बाहरी सेवा प्रदाता के साथ एक आवश्यक व्यावसायिक कार्य करने के लिए अनुबंध करता है।
बीपीओ एक बाहरी सेवा प्रदाता को एक विशिष्ट कार्य प्रक्रिया या प्रक्रियाओं को अनुबंधित करने का अभ्यास है। इसके अंदर अकाउंटिंग, टेलीमार्केटिंग, डेटा रिकॉर्डिंग, सोशल मीडिया मार्केटिंग, ग्राहक सहायता, इत्यादि काम शामिल होते हैं।
BPO के प्रकार (Types of BPO):-
BPO के 3 प्रकार हैं –
- Onshore Outsourcing
- Offshore Outsourcing
- Nearshore Outsourcing
1. Onshore Outsourcing :-
जब किसी देश की कंपनी अपने ही देश की किसी दूसरी कंपनी के ग्राहक को सर्विस प्रदान करती है तो इसे ही Onshore Outsourcing कहा जाता है।
2. Offshore Outsourcing –
जब किसी देश की कंपनी दूसरे देश की कंपनी के ग्राहक को सर्विस प्रदान करने का कार्य करती है तो इसे ही Offshore Outsourcing कहा जाता है।
3. Nearshore Outsourcing –
जब एक कंपनी अपनी सर्विस प्रदान करने का काम अपने ही आसापास यानी स्थानीय कंपनी को देती है तो इसे Nearshore Outsourcing कहते हैं।
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BPO नौकरी के प्रकार (Types of BPO Job) :-
BPO नौकरी को मुख्य रूप से 2 भागों में बांटा गया है –
- Front-Office Customer Service
- Back-Office Business Functions
1. Front-Office Customer Service –
फ्रंट ऑफिस कस्टमर सर्विस किसी फर्म के ग्राहक-सामना करने वाले डिवीजन का प्रतिनिधित्व करता है। जैसे – ग्राहक सेवा, बिक्री और उद्योग विशेषज्ञ जो सलाहकार सेवाएं प्रदान करते हैं, आदि।
2. Back-Office Business Functions –
बैक ऑफिस प्रशासन और सहायता कर्मियों से बनी कंपनी का एक हिस्सा है, जो ग्राहक-सामना का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। जैसे- बैक-ऑफिस कार्यों में निपटान, मंजूरी, रिकॉर्ड रखरखाव, नियामक अनुपालन, और आईटी सेवाएं शामिल हैं।
BPO Job के फायदे (Benefit of BPO Job):-
BPO Job के फायदे निम्न प्रकार से हैं –
- बीपीओ ग्राहकों को सेवा प्रदान करता है और साथ ही उनकी मदद भी करता है।
- बीपीओ की मदद से एक्सपर्ट तथा टेक्नोलॉजी को आसानी से एक्सेस किया जा सकता है।
- इसकी मदद से हमारे समय की भी बचत होती है।
- बीपीओ की मदद से उत्पादकता बढ़ती है।
- Business cost Reduce होती है।
- इसकी मदद से कंजूमर तथा प्रोडक्ट के बीच में स्मार्टर एनालिटिक्स बनाया जा सकता है।
- यह सीमित Resources का maximum utilization करने में भी सक्षम बनाता है।
BPO Job के नुकसान :-
BPO Job के नुकसान कुछ इस प्रकार हैं –
- इसमें हमेशा कस्टमर तथा कस्टमर केयर एजेंट के बीच कम्युनिकेशन की समस्या होने की संभावना बनी रहती है।
- इसमें डाटा प्राइवेसी की उल्लंघन होने की संभावना होती है।
- इस जॉब में काम का कोई समय तय नहीं होता है।
- Service Providers के ऊपर ज्यादा निर्भर होना पड़ता है।
BPO और Call Center में क्या अंतर है?
BPO और Call Center के बीच बहुत अंतर है, वह कुछ निम्न प्रकार हैं –
- बीपीओ में मेल्स, प्रिंटिंग, डाक्यूमेंट्स, तथा कॉल, इत्यादि शामिल होते हैं, लेकिन कॉल सेंटर में सिर्फ कॉल करना तथा कॉल उठाना ही शामिल होता है।
- बीपीओ ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से किया जा सकता है, लेकिन कॉल सेंटर केवल ऑनलाइन से ही हो सकता है।
- बीपीओ में जॉब पाने के लिए आपके पास कंप्यूटर की अच्छी-खासी जानकारी और इंग्लिश भाषा की भी जानकारी होनी अनिवार्य है, लेकिन कॉल सेंटर में कंप्यूटर के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी और कम्युनिकेशन स्किल्स आनी जरुरी होती है।
- BPO के जॉब के अंदर आईटी, फाइनेंस और बिलिंग, इत्यादि जैसे अलग-अलग डिपार्टमेंट होते हैं लेकिन कॉल सेंटर में केवल एक कॉलिंग डिपार्टमेंट ही होता है।
- बीपीओ एक सिस्टम की तरह काम करता है जिसका उद्देश्य बिजनेस को बढ़ाना होता है लेकिन कॉल सेंटर में अपने ग्राहकों की सेवा करना तथा प्रोडक्ट का प्रचार करने जैसे चीज़ें शामिल होती है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल):-
1. BPO Ka Full Form क्या है?
BPO का फुल फॉर्म “Business Process Outsourcing” होता है।
2. BPO job क्या है?
BPO एक व्यापार प्रक्रिया आउटसोर्सिंग होती है, जहां पर संगठन वाले किसी टास्क को पूरा करने के लिए किसी कंपनी को हायर करती है।
3. BPO job में कितनी सैलरी मिलती है?
भारत में औसत बीपीओ वेतन ₹ 325,000 प्रति वर्ष या ₹ 167 प्रति घंटा है।
4. क्या बीपीओ और कॉल सेंटर एक ही है?
नहीं, बीपीओ कंपनी ग्राहक सहायता या लेखा कार्यों जैसे किसी भी व्यवसाय के बैक ऑफिस कार्य करती है, जबकि एक कॉल सेंटर कंपनी सिर्फ टेलीफोन कॉल को संभालती है।
5. क्या बीपीओ एक अच्छा काम है?
बीपीओ क्षेत्र में काम का माहौल उत्कृष्ट होता है और इसमें अच्छा वेतन भी मिलता है।
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आज आपने क्या सीखा :-
आज के इस post में हमनें BPO के बारे में बहुत कुछ जाना हैं, हमने BPO full form, BPO full form and meaning, BPO ka full form, full form of BPO, BPO long form, BPO full form in hindi, BPO क्या है, BPO के प्रकार, BPO Job के फायदे, इत्यादि के बारे में बात किया है।
मुझे उम्मीद है की इस article में बताये गए BPO से रिलेटेड सारी जानकारी आपको समझ आ गए होंगे और अब आपको BPO के बारे में सब कुछ पता चल गया होगा।
अगर आप मुझसे BPO से सम्बंधित कोई भी सवाल पूछना चाहते हैं तो आप नीचे comment कर के पूछ सकते हैं और अगर कोई सुझाब देना चाहते हैं तो भी आप बता सकते हैं।
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