नमस्कार दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में आपका स्वागत है। आज मैं आपलोगों को सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के बारे में सारी जानकारी बताने वाला हूँ। आज आप जानेंगे की Software engineer kya hota hai, software engineer kaise bane और इससे रिलेटेड सभी जानकारी।
ऐसे कई सारे स्टूडेंट्स होते हैं जो आगे चलकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने की चाह रखते हैं और इसके लिए क्लास 9th से ही तैयारी शुरू कर देते हैं।
अगर आप एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं या सॉफ्टवेयर इंजीनियर के बारे में सारी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो बिल्कुल सही जगह आए हैं।
आज के इस आर्टिकल में आपको सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग ब्रांच के बारे में ही सभी जानकारी मिलने वाली है जैसे software engineer kya hota hai, software engineer kaise bane, software engineer meaning in hindi, software engineering ka kya kaam hota hai, आदि।
इसलिए आप इस आर्टिकल को शुरू से लेकर अंत तक पुरे ध्यान से पढ़िए ताकि आपको सॉफ्टवेयर इंजीनियर के बारे में सारी जानकारी अच्छे से पता चल सकें।
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग क्या है? (Software engineer kya hota hai)
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग एक ब्रांच है जो इंजीनियरिंग कोर्स के अंदर आता है और इसमें आपको कोडिंग, प्रोग्रामिंग लैंग्वेज, सॉफ्टवेयर बनाना, सॉफ्टवेयर टेस्टिंग करना, सॉफ्टवेयर की एनालिसिस करना, आदि के बारे में सिखाया जाता है।
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की कोर्स आप किसी अच्छे कॉलेज से करना चाहते हैं तो आपको क्लास 12th के बाद JEE जैसे एग्जाम में क्वालीफाई करना होगा तभी जाकर आपको किसी अच्छी और बड़ी कंपनी में जॉब मिल पाएगी।
Software engineer meaning in hindi –
सॉफ्टवेयर इंजीनियर का मतलब हिंदी में ‘सॉफ्टवेयर इंजीनियर’ ही होता है और सॉफ्टवेयर इंजीनियर को प्रोग्रामिंग लैंग्वेज और सॉफ्टवेयर बनाना और उसे एनालिसिस करने का काम करना होता है।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने? (Software engineer kaise bane)
1. Class 12th में साइंस और मैथ्स सब्जेक्ट में पास करना –
अगर आप क्लास 12th के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग करना चाहते हैं तो आपको क्लास में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स सब्जेक्ट्स होने जरुरी हैं और आपको बोर्ड में पास होना भी जरुरी है।
2. एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करना –
जब आप क्लास 12th के एग्जाम में पास हो जाते हैं तब उसके बाद इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए Jee-Mains और Advance जैसे एग्जाम में क्वालीफाई करना होता है।
जब आप इस एग्जाम में क्वालीफाई हो जाते हैं तब जाकर आप B-Tech कर सकते हैं और इसमें सिविल इंजीनियरिंग ब्रांच को चुन सकते हैं। इसमें आपको IIT और NIT जैसे कॉलेज से इस कोर्स को करने का मौका मिल जाता है।
अगर आप एंट्रेंस एग्जाम में क्वालीफाई नहीं भी कर पाते हैं तो आप किसी अच्छे प्राइवेट कॉलेज से इस कोर्स की तैयारी कर सकते हैं।
3. ग्रेजुएशन पूरी करना –
जब आपका एडमिशन कॉलेज में हो चूका हो तो अब आपको B-Tech करना होगा जो एक बैचलर डिग्री है और ये कोर्स 4 साल में पूरी होती है। जिसमे आपको इस कोर्स से रिलेटेड सभी चीज़ें सिखाई जाती है और आपको प्रैक्टिकल नॉलेज भी दिया जाता है।
4. ग्रेजुएशन के बाद इंटर्नशिप करना –
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कोर्स पूरी करने के बाद अब आपको इस कोर्स की डिग्री मिल जायेगी जिसके बाद आपको इंटर्नशिप करनी होगी जिसमें आपको सारी चीज़ें प्रक्टिकली सीखायी जाएगी।
इंटर्नशिप करते समय आपको वो सभी काम सिखाये जाएंगे जो आपको जॉब करते समय करना होगा ताकि आपको थोड़ा बहुत एक्सपीरियंस मिल सकें।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर क्यों और किसे बनना चाहिए?
- अगर आपको कंप्यूटर में इंटरेस्ट है तभी आपको इस करियर की तरफ जाना चाहिए।
- अगर आपको प्रोग्रामिंग लैंग्वेज या कोडिंग में इंटरेस्ट है तो आप इस करियर को जरुर चुने।
- अगर आपका लगता है की मैं किसी भी तरह का सॉफ्टवेयर बना सकता हूँ तभी आप इस फील्ड में जाए।
- सॉफ्टवेयर इंजीनियर की प्रैक्टिकल नॉलेज लेने से पहले आपको थ्योरी के एंट्रेंस एग्जाम में भी क्वालीफाई करने होंगे।
- अगर आप एक कंप्यूटर स्क्रीन के सामने घंटों बैठकर लगातार काम कर सकते हैं तो ही आप इसे अपना करियर बनाए।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए योग्यता –
- सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए क्लास 12th में साइंस स्ट्रीम से पढ़ाई करनी होगी जिसमें फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स विषय होना जरुरी है।
- सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की कोर्स करने के लिए आपका क्लास 12th में पास होना जरूरी है।
- क्लास 12th के बाद अच्छे कॉलेज से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की कोर्स करने के लिए आपको JEE Mains और Advance जैसे एग्जाम में क्वालीफाई करने होंगे।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए स्टूडेंट्स के अंदर होने वाले गुण या स्किल्स –
- कंप्यूटर चलाने आना
- प्रोग्रामिंग लैंग्वेज
- सॉफ्टवेयर बनाना
- टेक्निकल थिंकिंग
- प्रैक्टिकल नॉलेज
- प्लानिंग
- कम्प्यूटर स्किल
- प्रेशर हैंडलर
Software Engineering Course 2022 –
अगर आप 2022 में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की कोर्स करना चाहते हैं तो आप निचे बताए गए इनमे से कोई सा भी एक कोर्स कर सकते हैं।
Course Name | Duration |
---|---|
Certificate in Software Engineering | Few weeks – 1 year |
Diploma in Software Engineering | 1 – 2 years |
BE Software Engineering | 4 years |
Btech Software Engineering | 4 years |
ME Software Engineering | 2 years |
MTech Software Engineering | 2 years |
PhD in Software Engineering | 3 – 5 years |
Btech Software Engineering Syllabus 2022 –
अगर आप सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में Btech की कोर्स करते हैं तो 2022 के अनुसार जो सिलेबस हैं वो कुछ इस प्रकार है।
Semester I | |
---|---|
Theory | Practical |
English | Personality Development I |
Mathematics I | Computer Literacy |
Physics | Physics Laboratory |
Chemistry | Chemistry Lab |
Basic Engineering I | Workshop Practice |
– | Engineering Graphics |
Semester II | |
Theory | Practical |
Value Education | Personality Development II |
Biology for Engineers | Programming in C |
Principles of Environmental Science | Engineering Graphics or Workshop Practice |
Mathematics II | – |
Material Science | – |
Basic Engineering II | – |
Digital Computer Fundamentals | – |
Semester III | |
Theory | Practical |
German Language Phase I or Japanese Language Phase I or French Language Phase I | Personality Development III |
Mathematics III | Data Structures and Algorithms Lab (C & C++) |
Computer Organization and Architecture | – |
Data Structures and Algorithms | – |
Software Engineering Principles | – |
Object-Oriented Programming | – |
Semester IV | |
Theory | Practical |
German Language Phase II/Japanese Language Phase II/French Language Phase II | Personality Development IV |
Probability and Queuing Theory | Operating Systems Lab |
Operating Systems | Computer Skills |
Microprocessors | – |
Software Architecture | – |
Software Design | – |
Comprehension I | – |
Semester V | |
Theory | Practical |
Discrete Mathematics | Personality Development V |
Computer Networks | Software Development Lab |
Software Project Management | Networking Lab |
Software Testing | Industrial Training I |
Theory of Computation | – |
Semester VI | |
Theory | Practical |
Database Management Systems | Personality Development VI |
Principles of Compiler Design | Software Testing Lab |
Software Metrics | Software Component Lab |
Component-Based Technologies | – |
Elective I | – |
Comprehension II | – |
Semester VII | |
Theory | Practical |
Industrial Management and Economics | Internet Programming Lab |
Software Quality Management | Industrial Training II |
Web Technology | – |
Elective II | – |
Elective III | – |
Semester VIII | |
Theory | Practical |
Elective IV, V & VI | Project |
Best Software Engineering Colleges in India 2022 –
अगर आप 2022 में भारत के बेस्ट इंजीनियरिंग कॉलेज से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग का कोर्स करना चाहते हैं तो उन कॉलेज के नाम कुछ इस प्रकार हैं।
- IIT Bombay
- IIT Madras (Chennai)
- IIT Delhi
- BITS PILANI
- Jadavpur University
- VIT Vellore
- National Institute of Technology, ROURKELA
- DTU
सॉफ्टवेयर इंजीनियर की फीस?
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की कोर्स करने में कितनी फीस लगती है वो आपके कॉलेज पर निर्भर करती है क्यूंकि सभी कॉलेज की अलग-अलग फीस होती है।
अगर आप सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की कोर्स किसी गवर्नमेंट कॉलेज से करते हैं तो आपकी फीस प्राइवेट कॉलेज की तुलना में बहुत कम लगेगी लेकिन गवर्नमेंट कॉलेज में सीट मिलना काफी मुश्किल होता है।
जैसा की मैंने आपको बताया की सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की कोर्स अलग अलग कॉलेज और इसके अंदर आने वाले अलग अलग कोर्स पर निर्भर करता है। वैसे आमतौर पर इस कोर्स को पूरा करने में 4 लाख से 10 लाख रूपए तक की फीस लग जाती है।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के बाद करियर विकल्प –
आप सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के बाद निचे बताए गए किसी भी करियर की तरफ जा सकते हैं।
- सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट
- सॉफ्टवेयर डेवलपर
- सॉफ्टवेयर डिज़ाइनर
- सॉफ्टवेयर इंजीनियर
- वीडियो गेम डिजाइनर
- टेक्निकल ऑफिसर
- साइबर सिक्योरिटी मैनेजर
- सॉफ्टवेयर एक्सपर्ट
सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी?
इंडिया में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को शुरूआती सैलेरी 25000 से 40,000 रूपए तक मिलती है। इस कोर्स को करने के बाद आपको कितनी सैलेरी मिलेगी वो आपके कॉलेज और कंपनी पर निर्भर करती है।
अगर आप इंडिया के बेस्ट कॉलेज से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की कोर्स करते हैं और किसी बड़ी कंपनी में नौकरी लगती है तो आपको शुरूआती सैलेरी 50 हज़ार से लेकर 1 लाख रूपए तक मिलेगी।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर के काम? (Software engineering ka kya kaam hota hai)
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनाने के बाद जो काम आपको करने होते हैं उनमे से कुछ काम इस प्रकार हैं।
- प्रोग्रामिंग करना
- सॉफ्टवेयर बनाना
- कंप्यूटर के लिए सॉफ्टवेयर बनाना
- मोबाइल एप्लीकेशन बनाना
- सॉफ्टवेयर टेस्टिंग करना
- किसी भी सॉफ्टवेयर में प्रॉब्लम को पहचानना
- सॉफ्टवेयर में आने वाली समस्या को ठीक करना
- सॉफ्टवेयर को एनालाइज करना
FAQs: Software engineer in hindi
Q: सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कोर्स करने में कितना समय लगता है?
Ans: सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कोर्स करने में कुल 4 साल का समय लगता है।
Q: सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कोर्स करने में कितना फीस लगता है?
Ans: सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कोर्स की फीस आपके कॉलेज पर निर्भर करती है।
Q: सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कोर्स करने के बाद कितनी सैलरी मिलती है?
Ans: सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कोर्स करने के बाद आपको शुरुआती सैलरी 40 से 50 हज़ार रूपए तक मिल जाती है।
आज आपने क्या सीखा –
आज के इस आर्टिकल में हमनें software engineer kya hota hai, software engineer kaise bane, software engineer in hindi, software engineering ka kya kaam hota hai, इत्यादि के बारे में बात किया है।
मुझे उम्मीद है की इस आर्टिकल में बताए गए सभी जानकारी आपको अच्छे लगे होंगे और अब आपको software engineer kaise bane इसके बारे में सब कुछ पता चल गया होगा।
अगर आप मुझसे कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो आप नीचे कमेंट कर के पूछ सकते हैं और अगर कोई सुझाब देना चाहते हैं तो भी आप बता सकते हैं।
अगर आपको इस आर्टिकल से कुछ नई चीज़ें सीखने को मिली हो तो आप अपने अपने दोस्तों के साथ ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
अगर आप आगे भी इस तरह की और जानकारियाँ प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे इस ब्लॉग Fullformcollection.com पर आते रहें।